दोहा कोश

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दोहा छंद का विशाल कोश

नई रचनाएं

शुक्रवार, 30 मई 2025

शकुंतला अग्रवाल 'शकुन' के दोहे

जात-पात के नाम पर, करते दो-दो हाथ। नजर वही आते 'शकुन', मदिरालय में साथ।। सुरा-सुंदरी में रहा, डूबा सारी रात। वही उजालों में करे, मर्...
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शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025

बालमुकुन्द गुप्त के दोहे

बाबू बालमुकुन्द गुप्त के दोहे सेल गई बरछी गई, गये तीर तरवार| घड़ी छड़ी चसमा रहे, छत्रिन के हथियार|| विश्वामित्र वसिष्ठ के, वंशज हा! श्रीराम...
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शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

सुरेश चन्द्र 'सर्वहारा' के दोहे

सुरेशचन्द्र 'सर्वहारा' के दोहे बेटे थे परदेश में, करता कौन तलाश। रही तीन दिन बाप की, घर में सड़ती लाश।। पुरुष श्रेष्ठता का भरा, ...
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रविवार, 28 जनवरी 2024

रूपेश धनगर के दोहे

रिश्तों में ऐसी खिंची , गहरी एक लकीर। बेटे को दिखती नहीं , बूढ़ी माँ की पीर।। आया था बहुरूपिया , दिया न हमने ध्यान। चला गया है बाँटकर , अ...
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